- September 16, 2022
Saroj Ka Rishta Review: सीधे दिल में उतर जाएगी सरोज शर्मा की ‘वजनदार’ कॉमेडी, यहां पढ़ें फिल्म का पूरा रिव्यू
नई दिल्ली, जेएनएन। Saroj Ka Rishta Review: अभिषेक सक्सेना की एक सिंपल सी फिल्म जो सीधे आपके दिल में उतर जाएगी। हल्की फुल्की कॉमेडी से समाज को करारा जवाब देती ‘सरोज’ के साथ आप सीन दर सीन जुड़ते चले जाएंगे। इस फिल्म ने ऐसे लोगों को आईना दिखाया, जो शादी के लिए पतली-दुबली, स्लिम लड़की की चाहत रखते हैं और उन लड़कियों को भी जो मनचाही शादी के लिए खुद को किसी भी हद तक बदलना चाहती हैं। ‘सरोज का रिश्ता में आपके लिए कॉमेडी और गंभीरता दोनों का डोज भरपूर है। फिल्म आपको सिनेमाघर में पूरे समय कुर्सी से बांधे रखेगी।
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गुदगुदाती हैं सरोज शर्मा की कहानी
‘सरोज का रिश्ता’, शाहिद कपूर की बहन सना कपूर की चौथी फिल्म है। सना, स्क्रीन पर बेहद सहज नजर आईं। फिल्म की कहानी शुरू होती है सना यानी सरोज शर्मा से। सरोज अपने परिवार के साथ दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रहती है। फिल्म शुरू होने के कुछ मिनट बार ही हीरो यानी गौरव पांडे को उससे पहली नजर में प्यार हो जाता है। हीरो को कोई फर्क नहीं पड़ता की जिससे प्यार हुआ है उसका शेप और साइज क्या है। हीरो के दोस्त के रूप में वेब सीरीज पंचायत 2 वाले बिनोद आपको गुदगुदाते नजर आएंगे। फिल्म में वॉइस ओवर दिया है सना की रियल लाइफ मम्मी सुप्रिया पाठक ने और वो ही फिल्म में उनकी मां भी बनी हैं।
इमोशनल कर देगी बाप-बेटी की यह जोड़ी
कहानी आगे बढ़ती है और सरोज के पिता के किरदार में कुमुद मिश्रा बड़े परफेक्ट नजर आए। बाप-बेटी की यह जोड़ी आपका दिल खुश कर देगी। वो इसलिए कि बाप को फिक्र नहीं की बेटी की उम्र बढ़ रही, या बेटी का वजन बढ़ रहा, वो उसकी शादी उसी लड़के से करेंगे जिसे उनकी बेटी सरोज पसंद करती है। अब सरोज को पसंद है एक स्कूल का क्लासमेट एनआरआई। इसके प्यार में पतली होने के लिए सरोज पहुंच जाती हैं हीरो के जिम में। अब यह जानने के लिए कि सरोज का क्या होता है, हीरो की दाल कैसे गलेगी, आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फीका रहा सेकेंड हाफ
पिता के रोल में कुमुद मिश्रा जम रहे हैं। वो कही तो आपको गुदगुदाएंगे तो कही आंखे नम कर जाएंगे। सना कपूर प्यारी लगी हैं पर एक्टिंग की दुनिया में पैर जमाने में उन्हें अभी समय लगेगा। गौरव पांडे ने रंग जमाने की काफी कोशिश की और वो कुछ हद तक कामयाब भी रहे। बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करें तो वो फिल्म के हिसाब से ही थे। गानों ने कहानी को आगे बढ़ाने में मदद की। फिल्म की सबसे प्रॉब्लम है, इसका सेकेंड हाफ। इंटरवल के बाद का पहला सीन देखकर ही आप चौंक जाएंगे कि यह क्या हुआ। यहां से कहानी को प्रीडिक्ट करना जरा भी मुश्किल काम नहीं है, लेकिन फिर भी आपका इंटरेस्ट बना रहता है कि आखिर आगे होने क्या वाला है।
कलाकार : सना कपूर, कुमुद मिश्रा, गौरव पांडे, रणदीप राय आदि
निर्देशन : अभिषेक सक्सेना
निर्माता : डॉ. अनमोल कपूर, नाजिया सिद्दीकी, नरेंद्र गर्ग, रमन कपूर और अभिषेक सक्सेना
लेखक : दीपक कपूर भारद्वाज
हमारी रेटिंग : 3 ***
Edited By: Ruchi Vajpayee