- September 23, 2022
बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं मां-बाप की कही ये बातें, लाख कोशिशों के बाद भी जाने-अनजाने मुंह से निकल ही जाती हैं
बच्चे बहुत नाजुक और मासूम होते हैं और उन्हें बहुत प्यार से हैंडल करने की जरूरत होती है। कई बार इस प्रतिस्पर्धा वाली जिंदगी और पर्यावरण में खुद पैरेंट्स तक अपने बच्चे को जाने-अनजाने में शर्मसार कर देते हैं। इसका सीधा असर बच्चे के आत्मविश्वास पर पड़ता है। अनजाने में ही सही लेकिन पैरेंट्स अपनी इस गलती से अपने बच्चे के आत्मविश्वास को चोट पहुंचा रहे होते हैं।
क्या होती है शेमिंग
आम भाषा में शेमिंग का मतलब है कोई ऐसी बात कह देना जिससे सामने वाले व्यक्ति को शर्मिंदगी महसूस हो या जो उसके आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाए। कभी-कभी हमें लगता है कि हमारे कड़वा बोलने या सामने वाले को सही रास्ता दिखाने के लिए कुछ गलत बोल देना ठीक है लेकिन गहराई में बात करें तो इससे कहीं ना कहीं उनका विश्वास टूट रहा होता है और उनके आत्म सम्मान को चोट पहुंच रही होती है।
पैरेंट्स को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि उन्हें बच्चों से क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है क्योंकि उनके छोटे-छोटे शब्द भी बच्चे के दिल को चोट पहुंचा सकते हैं और कहीं ना कहीं उसके आत्मविश्वास को गिरा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे उदाहरण बता रहे हैं जो अक्सर पैरेंट्स अपने बच्चों को शेमिंग करने के लिए प्रयोग करते हैं।
गलतियां करना
हम सभी बार-बार कोशिश करते रहने और गलतियां करने से ही सीखते हैं तो फिर हम अपने बच्चे से हमेशा परफेक्ट करने की उम्मीद क्यों करते हैं। बच्चे को गलतियां कर के उनसे सीखने दें ना कि उसे हतोत्साहित कर के कम महसूस करवाएं।
सहानुभूति की कमी
जिन बच्चों को बार-बार शेमिंग का सामना करना पड़ता है, उनके बिहेवियर में अक्सर कड़वावन देखा गया है और इनमें दूसरों के लिए सहानुभूति की भी कमी होती है। ये बच्चे आत्म-केंद्रित भी हो जाते हैं।
आदतें छिपाना
जब बच्चे को लगता है कि उसे उसके एक्शन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ सकता है तो अपनी आदतों को छिपाना शुरू कर देता है और इससे पैरेंट्स और बच्चे के बीच मतभेद पैदा हो सकते हैं।
क्या करें
बच्चों को शेमिंग से बचाने और उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचने से बचाने के लिए आप ऐसे शब्दों का प्रयोग करने से बचें जो सही नहीं हैं। ऐसे शब्द चुनें जो बच्चे को बढ़ावा दें और मोटिवेट करें।