- September 17, 2022
विश्व बिरादरी में अलग-थगल पड़ रहे पुतिन, अमेरिका ने मोदी का उल्लेख कर रूसी राष्ट्रपति को चेताया
वाशिंगटन, एजेंसी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग करते जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय ने यह बात कही है। व्हाइट हाउस की यह टिप्पणी भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुतिन से यह समय युद्ध करने का नहीं है, कहने के एक दिन बाद आई है। मोदी ने यह बात शुक्रवार को समरकंद में पुतिन से आमने-सामने की बातचीत में कही थी।
खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ी कीमतें विश्व की सबसे बड़ी चुनौती, फिर भी भारत छोटे-गरीब देशों को दे रहा अनाज : जयशंकर
यह भी पढ़ें
यह युग युद्ध करने का नहीं
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी ने पुतिन से कहा, ‘यह युग युद्ध करने का नहीं है। यह बात मैं ने फोन पर भी आपसे कही थी।’ जवाब में पुतिन ने कहा, ‘मैं आपकी ¨चता को समझता हूं। जितना जल्द संभव होगा मैं इसे (युद्ध) खत्म करने की कोशिश करूंगा।’ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जान किर्बी ने कहा, भारत और चीन के नेताओं ने उज्बेकिस्तान में यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी सोच से पुतिन को अवगत करा दिया है।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता को लेकर संयुक्त राष्ट्र में सरगर्मी, विकासशील देशों को सम्मेलन से हैं बहुत उम्मीदें
यह भी पढ़ें
निकट सहयोगी देश भी सहमत नहीं
दोनों नेताओं की राय यूक्रेन के संबंध में लिए गए पुतिन के फैसले से मेल नहीं खाती। दोनों ने ही पुतिन से यूक्रेन को लेकर सहानुभूति नहीं जताई है। जबकि दोनों ही देशों ने यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद कई मंचों पर रूस का साथ दिया है। इससे साफ होता है कि पुतिन के फैसले से उनके निकट सहयोगी देश भी सहमत नहीं हैं। स्पष्ट है कि पुतिन विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। किर्बी ने पुतिन से पूछा है कि क्या भारत जैसा विचार अन्य देश नहीं रखते होंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- हमारे लिए दुनिया एक परिवार; धरती के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने को तैयार
यह भी पढ़ें
जपोरीजिया परमाणु संयंत्र से रूस की बेदखली के प्रस्ताव से भारत रहा दूर
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के बोर्ड ने प्रस्ताव पारित कर रूस से यूक्रेन का जपोरीजिया परमाणु संयंत्र खाली करने के लिए कहा है। बोर्ड ने रूस से कहा है कि वह संयंत्र से अविलंब अपनी सेना बुलाए। यूक्रेन और नजदीकी देशों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। रूसी सेना ने मार्च से संयंत्र पर कब्जा कर रखा है। 35 सदस्य देशों वाले बोर्ड में रूस, चीन और भारत भी शामिल हैं। इस बाबत पेश किए गए प्रस्ताव के विरोध में रूस और चीन ने वोट दिया। जबकि भारत, पाकिस्तान, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका, मिस्त्र, सेनेगल और बुरुंडी मतदान से अलग रहे।
बेलारूस में विपक्ष के नेता ने कहा- देश का भाग्य यूक्रेन के साथ जुड़ा हुआ, रूस के खिलाफ एक होकर लड़ना होगा
यह भी पढ़ें
यह भी पढ़ें- पुतिन को सीख देने पर अमेरिकी मीडिया ने की पीएम मोदी की तारीफ
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने पुतिन से की गतिरोध खत्म करने की अपील, कहा- यह युग युद्ध का नहीं
Edited By: Krishna Bihari Singh