- September 24, 2022
संयुक्त राष्ट्र महासभा में आज दुनिया सुनेगी विदेश मंत्री जयशंकर का भाषण, इन मुद्दों पर रख सकते हैं बात
न्यूयॉर्क, एजेंसियां। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से दुनिया को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्री दुनिया में गहरा रहे आर्थिक और जलवायु संकट के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं। यही नहीं आतंकवाद के मसले पर वह पाकिस्तान और चीन को भी घेर सकते हैं। विदेश मंत्री UNSC में सुधारों की बात कहते रहे हैं जिसे वह और आगे बढ़ा सकते हैं। जयशंकर के इस संबोधन पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी।
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भारत का पाकिस्तान पर पलटवार
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब पड़ोसी देशों के साथ शांति संबंध की इच्छा जताते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उछाला, तो भारत ने भी जबरदस्त पलटवार किया। भारत ने पाकिस्तानी पीएम को आईना दिखाते हुए कहा कि शांति की इच्छा रखने वाला देश कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को आश्रय देगा। पाकिस्तान ने 26/11 के हमलावरों के देश में होने की जानकारी विश्व समुदाय के दबाव के बाद दी।
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पाकिस्तानी पीएम ने किया मंच का दुरुपयोग
जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव मिजितो विनितो ने कहा, ‘यह खेदजनक है कि पाकिस्तानी पीएम ने इस मंच का इस्तेमाल भारत पर झूठे आरोप लगाने के लिए किया। शरीफ ने ऐसा इसलिए किया, ताकि वह अपने देश के गलत काम को छिपा सकें। भारत के खिलाफ उठाए गए कदमों को न्यायोचित ठहरा सकें, जिन्हें दुनिया अस्वीकार्य कर चुकी है।’
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पाक पर करारा वार
विनितो ने कहा कि शांति संबंध की इच्छा रखने वाला देश पड़ोसी राष्ट्र की जमीन पर न तो अन्यायपूर्ण व अस्पष्ट दावा करेगा, न ही उसकी जमीन को कब्जे में लेने या उसे गैर-कानूनी तरीके से खुद में मिलाने का प्रयास करेगा।
अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले
भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘हमने आज सिर्फ पड़ोसी के संबंध में ही झूठे दावे नहीं सुने, बल्कि मानवाधिकार, अल्पसंख्यकों के अधिकार और मौलिक सुचिता के बारे में भी झूठ सुना है। जब अल्पसंख्यक समुदायों की हजारों युवतियों का अपहरण एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) हो गया हो, तो उनकी मानसिकता को रेखांकित करने के लिए हम क्या अनुमान लगाएं?’
भीषण बाढ़ से जूझ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा ऐसे समय में उठाया है, जब वह खुद भीषण बाढ़ व खाद्यान्न संकट से जूझ रहा है। शहबाज ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महारासभा को संबोधित करते हुए दोहराया था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है। लेकिन, शांति तभी सुनिश्चित हो सकती है जब संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र व सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत कश्मीर मुद्दे का समाधान हो। इससे पहले विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
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भारतीय उपमहाद्वीप में हो सकती है शांति, बशर्ते..
भारत ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए बलपूर्वक कहा, ‘भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा व प्रगति की इच्छा वास्तविक है। ऐसा निश्चित तौर पर हो सकता है। शर्त है कि सीमा पार से आतंकी गतिविधियां खत्म हों, सरकारें विश्व समुदाय व अपनी जनता के प्रति ईमानदार हों, अल्पसंख्यक समुदायों का उत्पीड़न न हो और सबसे अहम, इस महासभा के समक्ष हम इन वास्तविकताओं को मान्यता दें।’
Edited By: Krishna Bihari Singh