• September 22, 2022

Jaisankar ON UNSC: भारत कब तक बनेगा UNSC का स्थायी सदस्य, एस जयशंकर ने इससे जुड़े सवालों का दिया जवाब

Jaisankar ON UNSC: भारत कब तक बनेगा UNSC का स्थायी सदस्य, एस जयशंकर ने इससे जुड़े सवालों का दिया जवाब

न्यूयॉर्क, एजेंसी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए काफी लंबे समय से विश्‍व के देशों के साथ लामबंदी कर रहा है। फिर भी इस पर रोक लगाई जा रही है। इसमें फिलहाल चीन और पाकिस्‍तान जैसे देश मुख्‍य अड़ंगा साबित हो रहे हैं। भारत के अलावा जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील जैसे देश भी सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍य बनने की कतार में है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं होना अच्‍छा नहीं
दस दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ढ़ांचे में बदलाव समेत कई सवालों का जवाब दिया। उन्‍होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत का न शामिल न केवल हमारे लिए अच्छा है बल्कि वैश्विक निकाय के लिए भी अच्छा नहीं है। इसका बदलाव ओवरड्यू (समय से ज्‍यादा) है। उन्‍होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि वह इस पर काम कर रहे हैं। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने में कितना समय लगेगा।

खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ी कीमतें विश्व की सबसे बड़ी चुनौती, फिर भी भारत छोटे-गरीब देशों को दे रहा अनाज : जयशंकर

यह भी पढ़ें

जयशंकर ने अरविंद पनगढ़िया के सवालों का दिया जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जब मैंने कहा कि मैं इस पर काम कर रहा हूं तो मैं गंभीर था। जयशंकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स के राज सेंटर में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया से बातचीत कर रहे थे।
स्‍थायी सदस्‍य बनने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है भारत
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल लंबित सुधारों पर जोर देने के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। इस बात पर जोर देते हुए उन्‍होंने कि वह स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र की उच्च तालिका में शामिल होने का हकदार है।

भारत की जी-20 की अध्यक्षता को लेकर संयुक्त राष्ट्र में सरगर्मी, विकासशील देशों को सम्मेलन से हैं बहुत उम्मीदें

यह भी पढ़ें

वर्तमान में UNSC में पांच स्थायी सदस्य हैं। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं और ये देश किसी भी मूल प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं। इसके अलावा सुरक्षा परिषद में 10 गैर स्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। पिछले कुछ सालों से समकालीन वैश्विक वास्तविकता को प्रतिबिंबित करने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग लगातार बढ़ रही है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- हमारे लिए दुनिया एक परिवार; धरती के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने को तैयार

यह भी पढ़ें

वैश्विक संस्‍था में जल्‍द बदलाव की उम्‍मीद कर रहा है भारत
जयशंकर ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से एक बहुत कठिन काम है क्योंकि दिन के अंत में यदि आप कहते हैं कि हमारी वैश्विक व्यवस्था की परिभाषा क्या है, 5 स्थायी सदस्य वैश्विक व्यवस्था के बारे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण परिभाषा हैं। इसलिए यह एक बहुत ही मौलिक और बहुत गहरा बदलाव है, जिसकी हम तलाश कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में आज दुनिया सुनेगी विदेश मंत्री जयशंकर का भाषण, इन मुद्दों पर रख सकते हैं बात

यह भी पढ़ें

वैश्विक संस्‍था के कई मानक हुए पुराने, स्वतंत्र देशों की संख्या हुई चौगुनी
विदेश मंत्री ने कहा कि हम मानते हैं कि सुरक्षा परिषद के ढांचे में बदलाव ओवरडयू है। 80 साल पहले दि्तीय विश्‍वयुद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक संस्‍था के रूप में तैयार किया गया था। 80 साल पहले लोगों द्वारा बनाई गई संस्‍था किसी भी मानक से बहुत समय पहले है। उस अवधि में स्वतंत्र देशों की संख्या चौगुनी हो गई है। दुनिया के बड़े हिस्से ऐसे हैं, जो छूट गए हैं।

बढ़ सकती है राष्‍ट्रपति पुतिन की मुश्किलें! रूस-यूक्रेन युद्ध पर आई यूएन की रिपोर्ट में हुए कई हैरतअंगेज खुलासे

यह भी पढ़ें

दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को वैश्विक संस्‍था में शामिल नहीं करना अच्‍छा नहीं
उन्होंने कहा कि कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला समाज होगा। जयशंकर ने कहा कि अगर ऐसा देश प्रमुख वैश्विक परिषदों में नहीं है, तो जाहिर है कि यह हमारे लिए अच्छा नहीं है, लेकिन मैं यह भी आग्रह करूंगा कि यह वैश्विक परिषद के लिए अच्छा नहीं है।

सुखद भविष्‍य के लिए यूरोप की राह पकड़ने वालों के लिए भूमध्‍य सागर फिर बना काल, नाव डूबने से 71 की मौत

यह भी पढ़ें

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हर गुजरते साल के साथ मुझे लगता है कि दुनिया में भारत के लिए अधिक से अधिक समर्थन हासिल है। आज हम दुनिया के बहुत बड़े हिस्से के विश्वास और भरोसे को संभाल कर रखते हैं। मैं इसकी तुलना मौजूदा पी 5 से नहीं करना चाहता, लेकिन मैं कम से कम यह कहूंगा कि बहुत सारे देश शायद सोचते हैं कि हम उनके लिए उच्च स्तर की सहानुभूति और सटीकता के साथ बोलते हैं। इसे कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी देखा गया है, जब दुनिया के तमाम देशों ने भारत की सहायता और रुख की उम्‍मीद की थी।

साइबर अपराध के खिलाफ भारत समेत QUAD देश हुए एकजुट, कार्रवाई करने में एक-दूसरे की करेंगे सहायता

यह भी पढ़ें

फि‍लहाल सुरक्षा परिषद का अस्‍थायी परिषद का सदस्‍य है भारत
भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक निर्वाचित गैर स्थायी सदस्य है। इस दौरान अपने दो साल के कार्यकाल के दूसरे वर्ष के आधे रास्ते में हैं। सुरक्षा परिषद में भारत का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होगा, जब देश इस महीने के लिए शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में लोगों के बीच संवादात्मक चर्चा का आनंद लिया। एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि भारत और दुनिया के साथ उसके संबंधों पर एक स्वतंत्र चर्चा: अतीत, वर्तमान और भविष्य।

China-Taiwan Conflict: चीनी समकक्ष से मिले एंटनी ब्लिंकन, चीन ने कहा अमेरिका ताइवान को भेज रहा है ‘खतरनाक संकेत’

यह भी पढ़ें

इसे भी पढ़ें: SCO Summit: समरकंद में आतंकी मसूद अजहर के सवाल पर पाकिस्‍तान के पीएम शहजाद शरीफ ने साधी चुप्‍पी

इसे भी पढ़ें: भारत को UNSC का स्‍थायी सदस्‍य बनाने में क्‍या है सबसे बड़ी दिक्‍कत, चीन को लेकर क्‍यों उठती हैं पंडित नेहरू पर अंगुली

Edited By: Arun Kumar Singh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *