- November 30, 2022
North Korea vs America: बदलते वैश्विक माहौल में समझिए पुतिन और किम की नजदीकियों के मायने
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। यूक्रेन युद्ध के भड़कने के साथ ही उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जन्मदिन की बधाई दी। इतना ही नहीं किम ने पुतिन को अमेरिकी चुनौतियों और खतरों को कुचलने के लिए बधाई दी थी। अंतरराष्ट्रीय सियासत के जानकार इसे रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों को मजबूत करने का संकेत मान रहे हैं। प्रस्तुत है मौजूदा हालात पर एक रिपोर्ट…
दुनिया के एक और मोर्चे पर बढ़ा तनाव
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने गुरुवार को भी कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च कीं। यही नहीं मिसाइलें दागने के साथ ही उत्तर कोरिया ने लड़ाकू विमान से बमबारी का अभ्यास भी किया। जवाब में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान की नौसेना ने भी एकजुट होकर पूर्वी सागर में सैन्य अभ्यास किया। अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप के पास अपना एक विमान वाहक युद्धपोत भी तैनात कर दिया है। इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है।
एक चूक से बदल जाएंगे हालात
एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर कोरियाई मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरती हुई प्रशांत महासागर में गिरी थी। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ ने कहा कि उत्तर कोरिया की यह मिसाइल उसकी राजधानी से 22 मिनट के अंतराल पर दागी गईं। मिसाइलें कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरीं। राहत की बात यह रही कि मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक जोन तक नहीं पहुंचीं।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका की मोर्चेबंदी
मिसाइलों के परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने आठ लड़ाकू जेट और चार बमवर्षक से बमबारी का अभ्यास भी किया। उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी 30 लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया। मौजूदा वक्त में ऐसी मोर्चेबंदी और सीमा पर प्योंगयांग के लड़ाकू विमानों के मंडराने से तनाव बढ़ गया है।
नजदीक आ रहे रूस और उत्तर कोरिया
दूसरी ओर जैसे-जैसे यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस का विरोध बढ़ा है, उत्तर कोरिया से उसकी नजदीकियां भी बढ़ी हैं। वैसे इतिहास पर नजर डालें तो उत्तर कोरिया के लिए रूस के साथ संबंध उतने गर्म नहीं रहे हैं जितने सोवियत संघ के दिनों में थे। मौजूदा वक्त में जैसे जैसे यूक्रेन युद्ध लंबा खिंच रहा है उसी तरह रूस और उत्तर कोरिया की नजदीकियों के संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। सनद रहे शीत युद्ध के शुरुआती दिनों में सोवियत संघ के समर्थन से उत्तर कोरिया का गठन हुआ था।
तेज हुई लामबंदी
यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक समीकरणों में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगी मुल्कों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के विरोध में चीन खड़ा नजर आ रहा है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को सार्वजनिक रूप से विभाजित देखा जा रहा है। ईरान भी रूस की ओर झुका नजर आ रहा है। अब बदले परिदृयय में उत्तर कोरिया का रूस की ओर झुकाव अमेरिका और उसके सहयोगी मुल्कों की चिंता को बढ़ा रहा है।
रूस के साथ बढ़ रही उत्तर कोरिया की नजदीकियां
रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उत्तर कोरिया की ओर से मास्को के समर्थन में प्रतिक्रियाएं आई हैं। उत्तर कोरिया दुनिया का इकलौता मुल्क था जिसने यूक्रेन से अलग किए गए क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने का एलान किया। रूस के प्रति समर्थन व्यक्त किया। व्लादिवोस्तोक में सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एर्टोम लुकिन का कहना है कि उत्तर कोरिया ने रूस के साथ अपने संबंधों का वर्णन करने के लिए सामरिक और रणनीतिक सहयोग जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
दोनों मुल्कों के अपने अपने हित
अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन युद्ध में बुरी तरह उलझे रूस ने अपने आयुध भंडार को फिर से भरने के लिए उत्तर कोरिया से संपर्क किया था। हालांकि रूस और उत्तर कोरिया दोनों ने अमेरिका के दावे का खंडन किया है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया का अधिकांश व्यापार चीन से होता है लेकिन रूस उत्तर कोरिया का एक संभावित और महत्वपूर्ण भागीदार है। खास तौर पर तेल उपलब्ध कराने के लिए रूस एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।